लेखनी प्रतियोगिता -22-Jun-2022 डरावना सपना और एक सीख
शीर्षक = डरावना सपना और एक सीख
शाम के पांच बजे थे । मौसम सुहाना था आसमान में काले बादल छाय हुए थे अभी अभी बारिश हो कर रुकी थी जिस वजह से सूरज चाचू उन बादलो के बीच से झांक रहे थे । दिन भर से हो रही बारिश से गर्मी से राहत मिल रही थी ।
आसिफ कमरे में बैठा था कि अचानक दरवाज़े पर किसी की दस्तक होती है। आसिफ दौड़ता हुआ दरवाज़ा खोलता है जाकर और सामने खड़े अपने दोस्त विकास को देख खुश हो जाता और कहता " विकास अच्छा हुआ तू आ गया मैं तो बोर हो गया पूरा दिन घर पर बैठ कर चल कही बाहर चलते है खेलने "
"बेटा दरवाज़े पर कौन है ? " आसिफ की अम्मी ने पूछा
"अम्मी मेरा दोस्त विकास आया है और हम दोनों बाहर जा रहे है खेलने दिन भर घर में रह कर बोर हो गया मैं " आसिफ ने कहा
"ठीक है बेटा लेकिन आराम से जाना बाहर काफी कीचड होगी, और जल्दी घर आ जाना शाम होने वाली है और ऐसा ना हो दोबारा बारिश आ जाए और तुम दोनों कही फस जाओ " आसिफ की अम्मी ने कहा
ठीक है अम्मी, ये कह वो दोनों बाहर आ गए वो दोनों एक दूसरे को पकड़ने वाला खेलने लगे ।
आसिफ आगे था और विकास उसके पीछे वो दौड़ते दौड़ते ना जाने कब इतनी दूर आ गए पता ही नही चला ।
आसिफ को विकास ने पकड़ लिया दोनों हाफने लगे और बोले " यार हम दोनों बहुत आगे आ गए प्यास भी लगी है और आगे ये रास्ता जंगल की और जाता है ऐसा ना हो कोई जंगली जानवर हमें खा जाए "
डरपोक कही का 12 साल के है हम दोनों कोई बच्चे थोड़ी है तू बहुत डरता है विकास।आसिफ ने कहा
तभी अचानक विकास की नज़र एक जगह पड़ी जहाँ कुछ चमक रहा था ।
"अरे वो क्या चमक रहा है " विकास ने कहा
आसिफ ने भी वहा देखा और दोनों उसके पास गए और उसे उठाया तो वो हीरा था जो शायद बारिश की वजह से धूल मिट्टी से साफ हो गया था ।
"कितना नायाब हीरा है , क्यू ना इसे घर ले चले " आसिफ ने कहा
"अरे पागल जब एक हीरा यहाँ मिला है तो हो सकता है और भी हीरे यही कही हो चलो ढूँढ़ते है एक हीरे से तो कुछ नही होने वाला अभी तो सूरज ढलने में समय है " विकास ने कहा
आसिफ ने उसके साथ चलने की हामी भर दी और वो दोनों दूसरे हीरे को ढूंढ़ने के लिए आगे बड़े । उनकी मेहनत रंग लायी और एक हीरा और मिल गया जो पहले वाले से ज्यादा खूबसूरत था ।
आसिफ ने उसे उठा कर घर चलने को कहा क्यूंकि सूरज डूबने लगा था और तारीकी छाने लगी थी ।
"अरे यार अभी तो सिर्फ दो ही मिले है , हो सकता है यहाँ और भी हीरे हो आगे हमें सब मिल गए तो हम अपने गांव के सबसे अमीर इंसान होंगे " विकास ने कहा
आसिफ भी लालच में आ गया और एक के बाद एक के लालच में आते आते वो जंगल के घने हिस्से तक पहुंच गए । चारो और अंधेरा छा गया था । विकास भी डरने लगा था लेकिन उन दोनों का लालच ख़त्म नही हो रहा था उनकी जेब भर चुकी थी हीरो से लेकिन फिर भी वो और हीरो के लालच में अंदर घुसते चले गए और तभी अचानक कुछ ऐसा हुआ जिससे की वो दोनों डर गए ।
एक ज़ोरदार आवाज़ आयी और वो दोनों सहम गए और बोले कौन हो तुम और हम दोनों से क्या चाहते हो।
"स्वागत हो तुम्हारा हमारी इस दुनिया में, तुम भी उन्ही लोगो की तरह लालची निकले जो थोड़ा और थोड़ा और के चक्कर में हमारे जाल में फस गए । कितना अच्छा होता अगर तुम्हारा लालच दो हीरे लेकर ही ख़त्म हो जाता तो आज तुम इस नर्क नगरी में ना पहुंचते अब तुम्हे हम लोगो से कोई नही बचा सकता ।
अब तुम दोनों हमारे जाल में फस चुके हो, ये हमारा जाल ही है जिससे कोई मनुष्य बच नही सका हम एक हीरा दिखाते है उसके बाद मनुष्य का लालच उसे हमारी नर्क नगरी में ले आता है और हीरो के लालच में और यहाँ आकर वो सारे हीरे हमारे हो जाते है और वो नर्क नगरी में हमेशा के लिए कैद हो जाता है ।
अब तुम्हारी बारी है , अभी तुम दोनों की बली दी जाएगी उसके बाद तुम हमारा भोजन बन जाओगे और ये हीरे जो तुम्हे यहाँ तक लाये है यही रह जाएंगे और कल किसी और को यहाँ ले आएंगे ।" एक अदृश्य आवाज़ आयी और देखते ही देखते आदिमानव जैसे दिखने वाले लोग उनकी तरफ बड़ते चले ।
जिन्हे देख वो दोनों डरने लगे और बोले हमें छोड़ दो हमें जाने दो आज के बाद कभी लालच नही करेंगे ।
"जो यहाँ एक बार आता है वापस नही जाता बच्चों " उस अदृश्य इंसान ने कहा
"विकास ये सब तेरी वजह से हुआ है तूने कहा था की आगे और हीरे मिलेंगे " आरिफ ने कहा
"ए मूर्ख इंसान अपने लालच की घटरी किसी और के कांधे पर मत रख तू हमेशा से लालची रहा है और इल्जाम दूसरों पर डाल देता है जबकी लालच तेरे अंदर भी होता है वरना तू कैसे यहाँ सिर्फ इसकी बात मान कर आ जाता।
तुझे भी ज्यादा से ज्यादा हीरे अपनी झोली में भरने का लालच था नही तो तू एक हीरा लेकर चला जाता और संतुष्ट हो जाता लेकिन तुझे संतुष्टि तो केवल मौत ही दे सकती है ज़िंदा रहकर तो तू कभी संतुष्ट रहता ही नही है कभी ना कभी किसी ना किसी चीज को ज़्यादा से ज़्यादा पाने का लालच तेरे दिल में रहता ही है और एक दिन तुझे उसी लालच के साथ या तो क़ब्र में या फिर चिता पर लेटा दिया जाता है । ले चलो इन दोनों को और बली चढ़ाने की तैयारी करो आज इनका आखिरी दिन है और इनसे सारे हीरे यही ले लो क्यूंकि शरीर मर जाएगा और आत्माये किसी तुछ चीज की गुलाम नही होती वो तो सिर्फ कर्म के सहारे कष्ट भोगति है " उस अदृश्य आत्मा ने कहा
ये कह कर वो लोग आसिफ और विकास को खींच कर ले जाने लगे ।
आसिफ और विकास बुरी तरह रो रहे थे और कह रहे थे " हमें जाने दो घर पर हमारी माँ इंतज़ार कर रही होगी हमें कुछ नही चाहिए हमारा लालच ही हमारी मौत की वजह बन जाएगा सोचा नही था "
उन लोगो ने उन दोनों की एक ना सुनी और खींच कर जलती आग की और ले गए जहाँ उनके सर को धड से अलग करके वो लोग खाने वाले थे भून कर ।
आसिफ ज़ोर ज़ोर से चीखने लगा और बोला मुझे जाने दो, छोड़ दो मुझे , मुझे मत मारो मेरी कोई गलती नही आज के बाद हम लोग लालच नही करेंगे जितना जरूरत होगा उतना रखेंगे
अब बहुत देर हो गयी अब तुम नर्क नगरी में हो जहाँ तुम अपने लालच की सजा पाओगे। उस आदर्शय आत्मा ने कहा। और उनका सर काटने का आदेश दिया।
ये सुन आसिफ और विकास ज़ोर ज़ोर से चीखने लगे लेकिन वहा कोई नही आया और उनकी गर्दन कट कर दूर गिर गयी ।
गर्दन कटते ही आरिफ जो की सो रहा था ज़ोर से चीख मार कर उठ बैठा और अपने आप को ऊपर से लेकर नीचे तक देखने लगा वो पसीने में नहाया हुआ था बाहर खिड़की से चारो और अंधेरा दिख रहा था ।
उसकी आवाज़ सुन उसकी अम्मी जो रसोई घर में खाना बना रही थी रात का दौड़ती हुयी उसके कमरे में आयी तो देखा आसिफ पसीने में नहाया हुआ था और घबराया हुआ था । उन्होंने उसे सीने से लगाया और कहा " बेटा तुमने ज़रूर कोई बुरा सपना देखा होगा "
"हाँ अम्मी बहुत बुरा सपना देखा " आसिफ ने अपनी माँ को सब कुछ बता दिया
सपना सुनने के बाद उसकी अम्मी ने उसे सीने से लगाया और कहा " बेटा सपना तो सच में बेहद डरावना था लेकिन तुम ने उस सपने से सीख ली "
"जी अम्मी बहुत बड़ी सीख मिली आज कि लालच बुरी बला है ये आपको नर्क के द्वार तक ले जाएगा और आपको पता भी नही चलेगा ।" आसिफ ने कहा
जी बेटा बिलकुल सही कहा तुमने, चलो अब मुँह हाथ धो लो फिर खाना खाते है रात का फिर आराम से सो जाना आज तुम्हारे पापा थोड़ी देर से घर आएंगे उनका फ़ोन आया था कि दफ्तर में कुछ मीटिंग है ।
प्रतियोगिता हेतु लिखी कहानी
Seema Priyadarshini sahay
23-Jun-2022 10:54 AM
बेहतरीन रचना
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Abhinav ji
23-Jun-2022 07:51 AM
Nice
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Dr. Arpita Agrawal
23-Jun-2022 06:31 AM
सत्य कहा, लालच बुरी बला है, उम्दा कहानी 👌👌👌
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